भोजपुरी कविता

तड़पत रही हम दिनरात

भोजपुरी कविता - तड़पत रही हम दिनरात | रिमझिम बरसत बा बरसात | तड़पत रही हम दिनरात | पिया बिना बुनीया ना सुहात | …

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