सुधीर श्रीवास्तव

आधार

आधार ****** जीवन में  शान्ति का आधार संयम है, शान्ति जीवन का मूलमंत्र है। दुःख सुख तो आनी जानी है…

संस्कार

संस्कार ******* संस्कारों का भी अपना संसार है, संस्कारों पर भी सबके अलग मानदंड हैं। सब अपने अपने …

मुझे कुछ कहना है

मुझे कुछ कहना है बहुत दिनों से सोच रहा हूँ कि आप से कुछ बात करूँ।पर डरता था कि कहीं आप मेरी किसी …

भीख

भीख        कहते हैं लाचारी इंसान को कितना बेबस बना देती है।कुछ ऐसा ही मि.शर्मा को अब महसूस हो रहा है।       क…

कविता

कविता --------- मन के भावों को  शब्दों में पिरोते अभिव्यक्ति को आयाम देते शब्दों की माला ही तो कव…

शुभकामना

शुभकामना ********* हे राष्ट्र वत्सल हे राष्ट्र रक्षक शुभकामना मेरी स्वीकार करो, काम शेष है अभी बह…

रिश्ता

रिश्ता ●●●● कुर्सी और पद का मोह इंसान को कितना गिरा देता है कि अपनी ही थाली में  अपने ही किए छेद को  कितनी बे…

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