छत्तीसगढ़ी कविता
मोर नाव के मेहंदी छपा के तो देख।।
तोर दिल के कुरिया म मोर नाव ,लिखा के तो देख। तोर हाथ म , मोर नाव के मेहंदी छपा के तो देख।। मोर हा…
तोर दिल के कुरिया म मोर नाव ,लिखा के तो देख। तोर हाथ म , मोर नाव के मेहंदी छपा के तो देख।। मोर हा…
माघी पुन्नी मेला अब्बड़ आस लगाए हो धनी पुन्नी मेला घुमादे । सऊख रखे हंव किंदरे के किंदार के मो…
धनी बर मया चिरइया मन चहकन लागे पुरवइया गाए गाना सुन ना धनी बात ला मोरो पिरित के धुन बजाना अंगना म…