गज़ल

मुस्कान

मुस्कान  इक चाहत की हसरत हैं हमारी। इक मुस्कान हो गुल से भी प्यारी। लगता हैं.....  हमे‌ चढ़ा हैं…

पैग़ाम

। 💌 । पैग़ाम । 🕊️ । ना वो मेरी जान थी ना कोई पहचान थी। अचानक एक पैग़ाम आया। तन्हा बैठे थे हम हम…

अच्छी लगी

अच्छी लगी  जो ग़ज़ल तुम पर कही अच्छी लगी तुम पे अपनी आशिक़ी अच्छी लगी तुमने  हौले   से  ज़रा  मुस्का …

कहीं तो सहारा मिलेगा

मौज़ू-सहारा कहीं तो सहारा मिले गा,                हमें भी हमारा मिले गा! यहाँ लोग  शादी-सुदा हैं,…

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