दोहा

करो योग रहो निरोग

करो योग रहो निरोग              योग जगत का सार है,सदगुण लिए हजार। इसकी म…

मंगल मूर्ति गजानना

मंगल मूर्ति गजानना                         दोहे  मंगल  रूप  गजानना ,श्रीगणपति भगव…

अदी के दोहे!

*अदी के दोहे!* (१) दो आने  की  बाँसुरी, सुर  तेरा अनमोल! अधर धरैं धनश्याम तो,प्रेम…

धूप छांव

धूप छांव बृंदावन राय सरल सागर एमपी धूप छांव इंसान के ,है जीवन का  सार।। हर मानव को कब मिला , सारा…

माँ पर दोहे

माँ पर दोहे करुणा किसलय से भरा, माता का दरबार। सच्चा है दरबार यह,  सच्चा माँ का प्यार ।। चरणों   …

अनुजयी दोहे -(झलकृत शूल उसूल )

अनुजयी दोहे -(झलकृत शूल उसूल ) रोते हैं दिखते नहीं, बाबूजी मुस्कात । अंगुल पकड़े थे कभी, छोड़ चले व…

परिचय --अनुजयी दोहे

परिचय --अनुजयी दोहे  पुष्प बरौठा बाग का ,अमरौली माँ छाँव । गीतों की महफिल सजे,गजल गूंजती गाँव ।।✍…

मिट्टी खातिर जान को

दोहा छंद मिट्टी खातिर जान को जिसने की कुर्बान, कैसे भूले वीर को जो भारत की शान।। उन वीरो में एक ह…

दोहे

दीनबंधु को कीजिए, उठा कर नित प्रणाम। राम राम प्रिय बोलिए, ऊंचा होगा नाम।। दीनबंधु कहते यही, मातु …

कोरोना पर इक्कीस दोहे

[31/08, 14:01] वृन्दावन राय सरल: १,,कोरोना से सब डरें,बूढ़े प्रौढ जवान।। छूने से ये फैलता, ले लेत…

रजत

*विधा-------दोहा* *विषय-------रजत* ~~~~~ रजत चाँदनी खिल उठी,लगता स्वर्णिम खास।  छिपा तिमिर अब बाद…

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