दोहा छंद
मिट्टी खातिर जान को
जिसने की कुर्बान,
कैसे भूले वीर को
जो भारत की शान।।
उन वीरो में एक है
करते सभी सलाम,
जन्मे भेंड्री गाँव में
वीर अमर बलराम।।
कवि -भास्कर
मिट्टी खातिर जान को
जिसने की कुर्बान,
कैसे भूले वीर को
जो भारत की शान।।
उन वीरो में एक है
करते सभी सलाम,
जन्मे भेंड्री गाँव में
वीर अमर बलराम।।
कवि -भास्कर
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