जुल्फें हैं उलझीं,लब क्यों हैं सूखे
जुल्फें हैं उलझीं,लब क्यों हैं सूखे , रहते हो गुमसुम , कहो क्या हुआ है रहते हो तुम क्यों , कहो ख…
जुल्फें हैं उलझीं,लब क्यों हैं सूखे , रहते हो गुमसुम , कहो क्या हुआ है रहते हो तुम क्यों , कहो ख…
पायल से ज़ंजीर का सफ़र बढ़ती उम्र थी, अपनी रवानी पे, बचपन बीता आयी जवानी पे, मोहब्बत के फ़साने रचने ल…
रहनुमा ख्वाब जैसी सजी ,सादगी आपकी । भोर भी अब लगी,शाम सी आपकी ।। अंक मिलते रहे ,जख्म सिलते रहे …
हमारा ठिकाना कहाँ कौन जाने, दिलों को सताना यहाँ कौन माने! हमें है यक़ीं बात बन कर रहे …
मातम प्यार के थे आपने मौसम दिये। आशियाना तोड़ कर हर ग़म दिये।। साथ तेरे चाँद अपने साथ था।…
इंतज़ार में... ना जाने क्यों किसका इंतज़ार कर रही मेरी आंखें। ना जाने क्यों इश्क-ए-महेक महसूस कर …
ग़ज़ल माँ तुम्हारा ही सहारा हो गया है । फासला फिर से दुबारा हो गया है । आदमी से आदमी है दूर फि…
तुमने लेकिन मुझसे भी नज़्म तुमने तो मोहब्बत क्या समझा? समझा होगा सिर्फ़ एक कशिश, ऐ! रब क्यों होता…
ए मौत तू ठहर जा अभी ज़िन्दगी तो इक तमन्ना हैं इसी वजह से तो जीना हैं। वर्ना ज़िन्दगी जीने का म…
ग़ज़ल बहर: 1222,1222,1222,1222 अकेला मै रहा अपने डगर में जो खड़ा देखा, अब दुनिया तो नीचे मै ऊपर ज…
तसव्वुर-ए-कलम आज़ फिर उभर आई इक प्यारी सी ग़ज़ल। ये तसव्वुर-ए-कलम चलती रहे बन के अज़ल। कभी तो दि…
बेज़बां दर्द तरही ग़ज़ल रदीफ़-हुआ हर्फ़े-क़वाफ़ी-आरा क़ाफ़िया-सितारा नापनी-१२२ १२२ १२२ १२ 'जिसे छू …
मुहब्बत ख़्वाब हर रात तेरे ही आते रहे। और दिल तुम हमारा जलाते रहे।। रूबरू यार दीदार मुश…
वक़्त पुराना याद आता है हमें वक़्त पुराने वाला। प्यार को प्यार से था यार निभाने वाला…
डरते हैं ग़ज़ल रदीफ़-से डरते हैं। हर्फ़े-क़वाफ़ी-ई स्वर क़ाफ़िया-दोस्ती नापनी-२१२२ १२१२ २२/११२ अपनी …
प्यार ग़ज़ल रदीफ़-हमें। हर्फ़े-क़वाफ़ी-अत क़ाफ़िया-हक़ीक़त नापनी-२१२ २१२ २१२ २१२ जान से तेरी प्य…
पाश्चात्य संस्कृतिऔर सोच के कारण ग़ज़ल इस तरह इन दिनों जिंदगानी हुई।। ज्यों लहू से लिखी इक कहानी…