Showing posts from December, 2020

बीता हुआ साल

बीता हुआ साल बहुत सी यादों के साथ ये साल जा रहा है कुछ  खास यादों जीवान  में जोड़कर और कुछ यादों …

आ जाओ हे! 2021

आ जाओ हे! 2021 मन टूटा - लोग टूटे किसी का सहारा रोजगार छुटा घर से लोगों का नाता टूटा दे गए ह्रदय …

सहित्य वसुधा ने साहित्यकार महेश राठौर सोनू को किया सम्मानित

मुजफ्फरनगर:- मुजफ्फरनगर जिले के जाने माने सुप्रसिद्ध साहित्यकार साहित्यिक पुरस्कार पुरुष अनेक संस…

साहित्य क्या है

साहित्य क्या है?  (एक धाराप्रवाह गीत)  जिसमें मानव के दर्शन हो।  जो पावन पुण्य समर्पण हो।।  जो संस्कार की बो…

महक

शीर्षक - महक विधा -कविता दिनांक: 25-12-2020 ये जो भीनी सी महक आ रही है तेरे केशु की मुझे तड़पा रह…

प्रतीक्षा

विषय- प्रतीक्षा विधा- काव्य सोलह सिंगार से होकर तैयार दरवाजे पर बेटी कर रही है इंतजार हाथों में उ…

मैं भारत का किसान हूँ

शीर्षक -   मैंभारत का किसान हूं मैं किसान भारत का धरा,वायु ,जल,अग्नि चीर कर नित नूतन सृजन करता हू…

सजग रहो ये किसानों भारत के

सजग रहो ये किसानों भारत के (किसान दिवस पर किसानों को समर्पित) सजग रहो ये किसानों भारत के, मानो नहीं हार, देर …

मेरा शहर

मेरा शहर- - भावनाओं से लिखता हूँ मैं सृजन के गीत यहाँ  पढ़ने वाला शहर में कोई बेरोजगार मिला नही ! …

नीम हकीम

*नीम हक़िम* ----------------- मीम, भीम, नीम, हक़िम, किस मर्ज की दवाई!  फलां वादी, ढेमका वादी, किस खेत के मुरा…

एक भिखारी

एक भिखारी मंदिर गया  मस्जिद गया चर्च गया पर दिन भर में एक रुपया  ना पाया शाम को मदिरालय  के बाहर बैठा जो भी आ…

कविता

*विधा- ख़्याल/कविता* बहुत हमकों सताया है के अब हम थक के बैठे हैं बहुत हमको रुलाया है के अब हम थक के बैठे हैं क…

बाबा साहब

!!बाबा साहब !! भारत-रत्न ,समाज सुधारक, संविधान के सृजक मनन । परिनिर्वाण- दिवस पर बाबा , तुमको शत-…

जीवन एक यात्रा

जीवन:एक यात्रा ************** मानव जीवन जिंदगी के विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए अपनी अंतिम यात्र…

मां सरस्वती की वंदना

मां सरस्वती की वंदना  विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती देवी मां सरस्वती, करते हैं हाथ जोड़ …

कलम

क़लम रो पड़ी एक दिन मेरी लोगों जो लिखा ग़ज़ल में फ़साना हमारा हर एक शब्द लिखा कलम ने तुझे बस पड़ा महँगा…

सत्य लघुकथा

सच्ची खुशी       सत्य लघु कथा                               स्वरचीत .निर्दोष लक्ष्य जैन      आज …

किसान नहीं ईश्वर है तू!

किसान नहीं ईश्वर है तू! सुन हुआ मैं हैरान जाम में फंसे लोगों को पानी , फल देंगे किसान! ऐसे महान क…

भोर का तारा

भोर का तारा              ********** निशा जा चुकी, अपने घर पर, फैल रहा हैै अब उजियारा। गूंज उठा सं…

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