भारत-रत्न ,समाज सुधारक,
संविधान के सृजक मनन ।
परिनिर्वाण- दिवस पर बाबा ,
तुमको शत-शत नमन -नमन।।
न्याय ,बंधुता ,समता प्रेरक ,
आदर्श समाज सिखा दीना ।
चिन्तक प्रबल आत्मविश्वासी,
मन-मन , स्वप्न सजा दीना ।।
व्यक्तित्व विरल ,विपुल विश्लेषक,
खिलता बचपन,सुखद चमन ।
परिनिर्वाण दिवस पर बाबा,
तुमको शत-शत नमन -नमन ।।
विधिवेत्ता , शिक्षाविद , लेखक,
पत्रकार , सम्पादक बन ।
बोधिसत्व ,ग्रेटेस्ट इन्डियन,
राजनीति उत्तम अनुपम ।।
भूल सकें ना ,योगदान तुम्हारा,
है ! भारत के लाल अनन ।
परिनिर्वाण -दिवस पर बाबा ,
तुमको शत-शत ,नमन-नमन ।।
धैर्यवान ,विद्वान,दार्शनिक ,
प्रतिभा अनुकरणीय होगी ।
जीवन समग्र ,कल्याण-कामना,
प्रज्जवलित,संकल्पित होगी ।।
सत्य -राह के पथिक बनें ,
बेशक शूल -धूल -मय -कण ।
परिनिर्वाण -दिवस पर बाबा,
तुमको शत-शत ,नमन -नमन ।।
डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश )
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कविता