नीम हकीम

*नीम हक़िम*
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मीम, भीम, नीम, हक़िम,
किस मर्ज की दवाई! 
फलां वादी, ढेमका वादी,
किस खेत के मुराई!! 

बाभन, बनिया,सवर्ण,दलित,
सबके ही हैं रघुराई!
उँच- नीच और भेद-भाव,
किस बात की लड़ाई!! 

गोरे,काले,लम्बे व नाटे, 
सभी को ये दुहाई! 
वोट की चोट से करदो, 
भ्रष्ट नेता की विदाई!! 

भ्रष्टाचारी, बाबू, अधिकारी,
न सुधरें  तो भाई! 
सब मिलकर पकड़ो इनको, 
जमकर करो धुनाई!! 

मजदूर,किसान व व्यापारी,
आपस में करो मिताई! 
एक दूजे से बांटो खुशियाँ,
अपने-अपने कमाई!! 

दलों  के दल-दल मे देखो, 
आपस में हैं मनमोटाई! 
एक तरफ़ अडिग शासन, 
उक्त चोर-चोर मौसेरे भाई!!

इन सभी के बीच अटल, 
यह है एक सच्चाई! 
सुनो सभी कहती "अदीक्षा"
बाकी तो राम दुहाई!! 

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*कुमारी अदीक्षा देवांगन*
*संकलन- विजय सिंह "रवानी"*
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