बहुत सी यादों के साथ ये साल जा रहा है
कुछ खास यादों जीवान में जोड़कर
और कुछ यादों को अधूरा ही छोड़कर
साथ जा रहा है अमिट छाप को छोड़कर
इस साल कुछ पुरानी ख्वाहिशें पूरी हुई
और कुछ ख्वाहिशें अधूरी भी रह गई
कुछ खास दोस्तों से दोस्ती भी हुई
और कुछ दोस्ती वहीं रुकी रह गई
ये बीते पल यादों में बस गए
बहुत कुछ चीजें संग आ गए
और कुछ चीजें यादों में रह गए
ये वक्त को बीतना था सो बीत गया
लेकिन कहानी बनकर सभी यादों में जुड़ गया
कुछ वक्त खुशी / आसानी से बिता
और कुछ दुखी या कठिनाई से बीता
खुशियां भरा वक्त बहुत सी यादें दे गया
और कठिनाई से बीता वक्त सीख दे गया
ये साल गुजरा ही नहीं
बल्कि यादों में सिमट कर जा रहा है
©रूपक
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कविता