मुकम्मल हो जाएंगे, सारे ख्वाब एक दिन
जलकर के सब राख , हो जाएंगे एक दिन,
मिले हैं किस्मत से, दुनिया में आज हम
मिलकर के यहाँ, खो जाएंगे एक दिन,
अपने धन दौलत का, गुरूर है जिनको
वो सब मिट्टी में ख़ाक, हो जाएंगे एक दिन ।।
कवि - भास्कर वर्मा
चन्दना,छत्तीसगढ़
जलकर के सब राख , हो जाएंगे एक दिन,
मिले हैं किस्मत से, दुनिया में आज हम
मिलकर के यहाँ, खो जाएंगे एक दिन,
अपने धन दौलत का, गुरूर है जिनको
वो सब मिट्टी में ख़ाक, हो जाएंगे एक दिन ।।
कवि - भास्कर वर्मा
चन्दना,छत्तीसगढ़
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कविता