Showing posts from March, 2021

मेरे पापा

मेरे पापा मेरे पापा जब घर आए  सबके लिए कुछ ना कुछ लाए थैला खाली हो गया बांटते बांटते  बस अपने लिए…

एक परिंदा

एक परिंदा एक  परिंदा  बार  -  बार मानव को कोस  रहाँ था बद्दुआ निकल रही थी दिल से और सोच  रहाँ था …

डरते हैं

डरते हैं ग़ज़ल रदीफ़-से डरते हैं। हर्फ़े-क़वाफ़ी-ई स्वर क़ाफ़िया-दोस्ती नापनी-२१२२   १२१२   २२/११२ अपनी  …

कभी हम वहां हुआ करते थे

होली की यादें होली को त्यौहार मानाने का हर का प्रदेश शहर और गाँवो अपना अपना तरीका है। आज मैं अपने…

के बी राइटर्स साहित्य समूह द्वारा प्रकाशित साझा संग्रह सफलता "सफ़र संघर्षों का"

आज के युग में कहीं न कहीं हर व्यक्ति सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता सभी को नहीं मिलती। सफलता सिर्…

गुरुभक्ति का...

गुरुभक्ति का... विधा : गीत भजन जय जय जय गुरुदेव,  मुझे दर्शन दो। अपनी शरण में तुम,  मुझ को ले लो।…

संघर्ष भरे राहों में ,

संघर्ष भरे राहों में , आशान्वित होकर चलना होगा। नित्य नूतन अद्यतन से , स्वयं को अद्यतित करना होगा…

वो यादें....

वो यादें.... वो यादे बार बार मूझको, बहोत  सताती है   मुझे बिछड़े बच्पनकी बहुत याद आती है         …

हमराही जीवन की होली

विषयः फागुन की फगुनाई शीर्षकः हमराही जीवन की होली अपनी   भाषा  अपनी  होली, मिलें   मनाएँ  समरस   …

बेटी का जन्म दिन

बेटी का जन्म दिन बेटी शानू को जन्मदिन की दिल से शुभ कामनाएं और देता हूँ शुभ आशीष।  प्रगति के पथ प…

कलम का कमाल

*कलम का कमाल* विधा : कविता लिखता में आ रहा, गीत मिलन के में। कलम मेरी रुकती नही, लिखने को नए गीत।…

जिज्ञासा

जिज्ञासा                जिज्ञासु प्रवृत्ति है मेरी, ख़ुद से हूं अनजान। फिर भी सदा चाहता हूं, मिले…

साथी चाहिए

साथी चाहिए विधा : गीत कटती नहीं उम्र मेरी अब तेरे बिना। मुझको किसी से मानो  प्यार हो गया। जिंदगी …

सिमटी टाटपट्टी

सिमटी टाटपट्टी सिमटी टाटपट्टी किनारे में  अपने को समेटे जीर्णावस्था में पुरानी हो गयी है। असंख्य …

खोता बचपन

खोता बचपन  माँ के आँचल में लिपटा हुआ वो बदन। खो रहा है धीरे-धीरे वो प्यारा बचपन । बारीश के पानी म…

प्रीत ने पंथ निखारा

प्रीत ने पंथ निखारा    रात की मद्धम गति औ तेरा मुस्काना यहाँ बादलों की ओट से ज्यूँ चाँद का आना यहाँ।। तू मुस…

आँख

आँख || गोलेन्द्र पटेल १. सिर्फ़ और सिर्फ़ देखने के लिए नहीं होती है नाक के दोनों ओर आँख यदि निर्निम…

फागुन मे सजना आएँगे

फागुन मे सजना आएँगे अँगना  पूछे है कँगना,  दिल में मेरे शोर है मन भागे तेरी ओर है   रंग बिरंगे इन…

शब्दों की महिमा

शब्दों की महिमा "शब्द" इसे सुनते ही हमारे मन मस्तिष्क में अनेकों शब्द गुंजायमान होने लग…

शरमा जाते है

शरमा जाते है रोज सजने संवरने को दर्पण के समाने आते हो।  देख कर तेरा ये रूप  दर्पण खुद शरमा जाता ह…

हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल

हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल ? कवि रमेशराज हिन्दी में ग़ज़ल अपने विशुद्ध शास्त्रीय सरोकारों के साथ…

चिहुँकती चिट्ठी

चिहुँकती चिट्ठी  बर्फ़ का कोहरिया साड़ी ठंड का देह ढंक लहरा रही है लहरों-सी स्मृतियों के डार पर हिम…

बार बार

(बार बार ) पता  नहीं  वो  क्यो  नजरें  चुरा  रहे  थे  वो मुझसे  कुछ बार  बार   छुपा  रहे  थे  इशारों ही इशारो…

मौसम का मिजाज)

मौसम का मिजाज मौसम का बदला मिजाज देखिए जो देखा नहीं तूने कल वह आज देखिए कुछ इशारा कर रही है चमकती…

सोच बदलो गाँव बदलो

सोच बदलो गाँव बदलो अपने अपने गांवों से  हम बहुत प्रेम करते हैं।  इसलिए पड़ लिखकर  हम गाँव में रहन…

ऑफलाइन क्लास का सामूहिक अवलोकन ; सामूहिक प्रयास से होगा शिक्षा मजबूत

ऑफलाइन क्लास का सामूहिक अवलोकन ; सामूहिक प्रयास से होगा शिक्षा मजबूत। घरघोड़ा :- कोरोना काल मे शिक…

मेरी यात्रा(सच्ची घटना)

मेरी यात्रा(सच्ची घटना) 13 मार्च मेरा रीवा शहर में आने का रेल का आरक्षित टिकट बन गया था मुझे रेल …

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