घरेलू महिला
घरेलू महिला निशब्द से खड़ी रह जाती हूं अपनी ही पहचान अपनों में ढूंढती हूं यह सोच कर रोज क्या …
घरेलू महिला निशब्द से खड़ी रह जाती हूं अपनी ही पहचान अपनों में ढूंढती हूं यह सोच कर रोज क्या …
विषय :– आषाढ़ के बादल विधा :– कविता शीर्षक वर्षा ऋतु छाए फिर बादल असाड़ के ,वर्षा ऋतु का हुआ आ…
बरसात के मौसम में इन दिनों भिन्न भिन्न तरह के कीट पतंग करते हैं सबको तंग छूकर अंग अंग कर देते है…
संदेह संदेह तुझे तेरे अपनों से दे बिछड़ा छीन लेता तेरे ह्रदय का चैन छोड़ जाती निंदिया नयनो को हर क्…
घर बसाना हक़ीक़त या फ़साना अचानक ही मुझे शादी करनी पड़ी, सोचा भी न था, आएगी ऐसी घड़ी, माता पिता द…
सकारात्मक सोच तरूणा एक गॉंव में रहती है शहर पास में ही है दूरी लगभग दो किलोमीटर है। इस समय प्राइव…
दिव्यांग विकलांग नहीं दिव्यांग कहो।। एक अंग के ना होने से क्या कोई मुझको रोक सकेगा कर्म पथ पर ज…
ऐसे तो अरमान नही है इतने भी अंजान नहीं हैं दुनियां मे पहचान नहीं हैं सुकून भरी जिंदगी अपनी ब…
सावधानी एक दिन की बात है पानी नहीं आया था गीता मेम बहुत परेशान थी पानी आने का रास्ता देख …
आकांक्षा आकांक्षाएं जीवन को सही ढंग से जीने का लक्ष्य है देती आकांक्षाएं जीवन में कभी हार न मा…
आखिरी सहारा अंत समय अब लगता है आ रहा दल दाल में फंसता ही जा रहा डूब रही जीवन की नैया पार लगा द…
मधुशाला या अन्तकशाला जन-मानस को आकर्षित , करती हैं यें मधुशाला , क्या रईस क्या मुफ़लिस , सबको भात…
स्मृतियो की गुल्लक गुजरे हुए पलो को संजोने लगे। आज अतीत की यादो मे खोने लगे। रिश्तो की चादर …
लम्हें पल दो पल की जिंदगी में कुछ ऐसे लम्हे होते हैं । जिनमें हम कुछ पाते हैं तो हम कभी क्या खो…
चौपाई छंद तू कहे मोहे राम प्यारा मैं मानू घनश्याम, एक धनुष टंकार लगाये एक चक्र सुदर्शन तान ।। जात…
सफलता एक छोटी सी चींटी दाना लेकर दीवार पर चढ़ती है । बार बार चढ़ कर फिर भी तेजी से फिसलती रहती है…
पानी जीवन के लिए अमृत जो व्यर्थ हम बहा जाते हैं । कम होते रोज पानी की कीमत नहीं समझ पाते हैं ।…
जन्म दिन एक अहसास हुआ जो वर्ष गुजरने पर पता चलता है । एक एक दिन जीवन का हर दिन कम तर होता जाता है…
समुद्री जीव विषय कुछ पेचीदा है समुद्र तट पर मैं जैसे बैठा हूं । सोच रहा हूं कैसे इन जीवों को ख…
संस्कार जीवन के हर मोड़ पर इस दुनिया में कैसे कैसे मोड़ आते हैं । संघर्षों के कठिन दौर में अक्स…
बलात्कार बलात्कार का नाम सुनते ही जैसे रूह सी कांपने लगती है । एक जिन्दगी दूसरी जिन्दगी को …
जीवन जीवन देने वाले मालिक तेरा शुक्रिया स्वासं मे सिमरे मालिक तेरा शुक्रायाना जीवन की डोरी कैसी…
रूसवाई दर्द का रिश्ता जिंदगी से जुड़ने लगा। दिल टूटा इस तरह, फिर बिखरने लगा। तन्हाई मे धडकने…
पापा मुझे घूमाने ले चलो ना पापा मुझे गोदी में उठा लो ना पापा इस गोदी में नहीं दूसरी गोदी में उठा …
पुरुष का दर्द सुबह उठते ही कपडो का ठेला लगाना उसके बाद खुद ही रोटी बनाना खाना फिर ठेला लेकर गली…
परिवर्तन ही समय का नियम है हर आदमी को समय के साथ बदलना चाहिए सामाजिक बुराइयों के खिलाफ समय के साथ…
मजबूर नहीं मजदूर हूं शिव साक्षी हैं मेरे मेहनत भरपूर मैं हरपल करता हूं । अपना जीवन देकर मैं देखो …
धूल और हीरा विषय कुछ पेचीदा है मगर लिखना बहुत जरूरी है । धूल में से हीरा खोजना आज बहुत बहुत जरूर…
तारे मैं चांद सितारे में खोज खोज कर कुछ नयी कविताएं लाता हूं । अनगिनत शब्दों के मोतियों से कविता…
पाखी रूह की गहराइयों मे तुझे संभाला हमने हाथ मे ओस की बूंदो सा महसूस किया नाजुक रेशम सा …
दोस्ती काँच के रिश्ते बनाकर इठलाने वाले बेशुमार दोस्त बनाकर,निभाने वाले । काँच समझ कर हीरे को फ…
जीवन में रुकना मत मन लाख भटकाये पथ से अपने लक्ष्य पर अडिग रहे तिमिर का चारो ओर जो…
आशीर्वाद दिल मे प्यार रखती हूँ। हजारो तूफानो मे हौसला बेशुमार रखती हूँ। भवसागर मे ना डगमगा…
पीहर माँ तेरा प्यार बहुत याद आता है। तुमसे मिलने को मन तडपता है। तेरे आँचल को एक पल नही छोड…
कल्पवृक्ष सी छाया( हमारे बुजुर्ग) लोग पहचान नही सके, जिसको बरबस तानो से प्रहार किया बंधनों…
रोमांस प्रेम की सीढ़ी चढ़कर जब प्रीत पराई हो गई । श्रंगार रस की पंक्तियों में प्रेम कविता हो गई ।…
योग कला एवं आयुर्वेद दुनिया में भारत की देन है आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है और सभी को अंतर्राष…
आज परम पूज्य बाबा लक्खी शाह बंजारे (लाखा बंजारा) की पुण्यतिथि पर नमन दुनिया भर में फैला बंजारा स…
तुम कौन हो तुम जो हरपल सांसों में घुल-मिल कर रहते हो? कौन हो तुम कभी कभी कानों में आकर कुछ कह…
योग जीवन को अमृत तुल्य बनाना है तो योग में रम जाना होगा । भोग युक्त जीवन हमको अब योग युक्त जीवन…
कहानी एक पर्यावरण योद्धा की जिनकी जिम्मेदारी मिशाल बन गई । गर इंसान ठान ले तो मंजिल कोई दूर नहीं …