मिलकर गाल बजाया जाए
मदारी ने खेल दिखाने से पहले जमूरे से कहा था
तिल का ताड़ बनाया जाए।
मिलकर गाल बजाया जाए।।
एक मदारी एक जमूरा।
सारा देश नचाया जाए।।
कुछ करने की नहीं जरूरत।
खूब भौकाल बनाया जाए।।
अपने तो अपने होते हैं।
उनको राज कराया जाए।।
'गूज' हमारी 'रात' हमारी।
दिन भर माल उड़ाया जाए।।
पूंजीपतियों से मिलजुल कर।
जंगल -राज चलाया जाए।।
धर्म और ईमान बेच कर।
झूठ ही सत्य दिखाया जाए।।
अंग्रेजों की नीति पे चलकर।
शिक्षा बेच कमाया जाए।।
सत्ता हम जैसे लोगों की।
विद्वानों को भगाया जाए।।
धनपशुओं में बेच-बांटकर।
आओ मौज मनाया जाए।।
हमको नफरत है गरीब से।
मिलकर खूब सताया जाए।।..."अनंग"
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कविता