माँ की ममता के किस्से तो बहुत सुने होंगे मगर पिता की एक बच्चे की जिंदगी में सबसे अहम भूमिका होती है। वाकई में पिता के बिना एक बच्चे का कोई अस्तित्व नहीं। पिता ही है जो बच्चों की सफलता की सीढ़ी होते हैं। इस फादर्स डे पर अनुराग्यम के मंच पर एक शानदार आयोजन हुआ।
इस आयोजन में संस्था के संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी, अनुराग्यम की प्रमुख अन्वेषक डॉ तरुणा माथुर, डॉ निधि बंसल (फाउंडिंग सदस्य), विनीता पुंढीर, प्रज्ञा मिश्रा, मीनू बाला, अंकिता बाहेती, सुशी सक्सेना सहित समस्त अनुराग्यम परिवार उपस्थित था। सभी रचनाकारों एवं कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया।
आयोजन में देश विदेश के श्रेष्ठ रचनाकारों और कलाकारों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी दिखाई। अपने पापा का प्यार, साथ, सहयोग, अनुभव और यादों को मिलाकर एक प्यारे से वीडियो के माध्यम से अपने पिता को शब्दांजलि समर्पित की। जिसे सुनकर सभी लोग भाव विभोर हो उठे।सभी ने अपने पिता को एक खास तरह से सरप्राइज दे कर उन्हें खुशी दी।
सभी ने अपने वीडियो के माध्यम से अपने पापा के प्रति अपनी भावनाएं और अनुभव जाहिर किए। उन्हें बताया कि वे उनसे कितना प्यार करते हैं और उनकी कितनी परवाह करते हैं। उनकी जिंदगी में पापा किसी सुपर हीरो से कम नहीं हैं।
आयोजन के अंत में संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी जी ने सभी रचनाकारों एवं कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उनका आभार व्यक्त किया और आयोजन का समापन किया। अनुराग्यम नई दिल्ली द्वारा सभी को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अनुराग्यम्, नई दिल्ली
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