सिलसिले तेरी यादों के

सिलसिले तेरी यादों के

तेरी यादों के सिलसिले
आज भी मेरे साथ चलती हैं
कहा गये  वो तेरे वादें 
कहा गयी वो तेरी बातें
सब भूल गये तुम
क़रीब होकर भी आज हम दूर हो गये
तुझे पाने के लिये 
रोज़ सुबह मंदिर जाऊँ
दुआ में तुझे माँगू
आज भी इस दिल तेरे लिए जगह हैं
आज तुम आओगें
तुझे जानें को न कहूँगी
तेरी यादों के सिलसिले
आज भी मेरे साथ चलती हैं

भूल गए तुम वो साथ देखें सपनें
धड़कन अभी भी बढ़ जाती हैं
तेरे यादों से
जब बैठूँ मैं अकेली
मेरे कानों में अभी भी तेरा नाम सुनाई देता हैं
संभाल कर रखी हूँ तेरे तस्वीरों को
जब याद आतें हो तुम
एक झलक देख लेती हूँ
तेरी यादों के सिलसिले 
आज भी मेरे साथ चलती हैं।।

अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश।

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form