तेरा मेरा हाल

तेरा मेरा हाल
विधा गीत

प्यार दिल से करोगें, 
तो प्यार पाओगें।
दिल की गैहराइयों में,
तुम खो जाओगें।
प्रेम सागर में खुदको 
तुम डूबा पाओगें।
और जिंदगी में प्यार 
ही प्यार तुम पाओगें।।

प्यार क्या होता है,
जरा तुम तो बताओं।
दिल की धड़कनों में,
आवाज़ इसकी सुनाओ।
प्यार रक्त के समान होता है,
जो नशों में सदा बहता है।
इसलिए तो प्यार में 
इंसान जीत और मरता है।।

बड़े बदनसीब है वो,
इस जमाने में।
जिनको जिंदगी में, 
प्यार मिला ही नहीं।
और इस जन्नत में, 
वो रह पाए ही नहीं।
ऐसे लोग जिंदगी में,
सदा तन्हा होते है।।

खोलता हूँ जब भी 
घर की खिड़कीयों को।
सामने तुम ही तुम 
नजर आते हो।
देखकर तुम्हें दिलमें मेरे,
अजबसी तरंगे दौड़ जाती है।
 जो दिलकी बैचेनियों को,
दिनरात बहुत बढ़ाती है।
और तुम्हें बाहों में भरकर, 
सीने से लगाने को कहती है।।

दिल तेरा भी वहां धड़कता होगा,
मेरा दिल यहाँ धड़क रहा है।
प्यार की तड़प में करवटे बदलते होंगे,
मैं यहां कबसे बदल रहा हूँ।
तुमको देखे बिना अब, 
नींद कहाँ आती मुझको।
शायद तेरा भी यही, 
हाल हो रहा होगा।।

जय जिनेन्द्र देव 
संजय जैन (मुम्बई)
18/09/2020

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