(2)ख़ुशी मिली मुझे ज़ब तुमसे मोहब्बत हुई तब वरना शौक तो मुझे कल भी नहीं था और आज भी नहीं हैं, तुमसे रिवाजों में बंन्धने की !!
(3)तन्हा बैठने का मतलब ये नहीं होता हैं,की मैं किसी औरों के इंतज़ार में अकेले बैठी हूँ, बेशक आज भी आँशु निकल आती हैं, उन्हें आने के इंतज़ार में !
सीताराम कुमार ग्राम बगराहा,पोस्ट अहिलवार थाना हसनपुर जिला समस्तीपुर
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