कृषि विधेयक

!! कृषि विधेयक !!
मिलता था मिलता रहे,
न्यून  समर्थन  मूल्य ।
मण्डी सैंग व्यवस्था भी,
नहीं   रहेगी   शून्य ।।    
अपनी फसल कहीं बेचें,
होके  कृषक आजाद ।
उत्पादक साझीदार बन,
स्वयं   लगाएँ  भाव ।।  
घाटे  में  राशि  मिले ,
बांधे   नहीं   करार ।
बिना दण्ड सब छोड़ दें,
किसी  मोड़ व्यवहार ।। 
गिरवी बिक्री लीज से ,
दूर   जमीं   निर्देश ।
करार  सिर्फ उत्पादन का,
जमीन स्वतंत्र विशेष ।।
तकनीकी का फायदा ,
मिले उपकरण लाभ ।
हृदय की बस बात सुन,
रखें  सदा   सद्भाव ।।
डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)

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