तितली रानी
तितली रानी-तितली रानी
तुम हो इतनी सुंदर
ये पंख कहा से लाई हो
तुम्हारे पंख हैं इतने प्यारे
तितली रानी-तितली रानी
तुम हो इतनी सुंदर
रंग -बिरंगे तुम्हारे पंख
प्यारे प्यारे तुम्हारे पंख
अपने कोमल पंख दिखाती हो
सबका मन लुभाती हो
कली कली में सहलाती हो
मीठी मीठी रस लेती हो
तितली रानी -तितली रानी
तुम हो इतनी सुन्दर
यहाँ वहाँ तुम मंडराती हो
तुम कौन लोक से आई हो
बच्चें भागें तुम्हारे पीछे
तुमकों न पकड़ पाये
तितली रानी-तितली रानी
तुम हो इतनी सुन्दर।।
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अर्पणा दुबे अनूपपुर मध्यप्रदेश।
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कविता