सागर का कवि सम्मेलन ३०/९/
२०२०को सम्पन्न हुआ ।। जिसमें
मुख्य अतिथि डा,इसरार कुरेशी
रायसेन, विशिष्ट अतिथि श्री
राजीव खरे रेपुरा,और अध्यक्षता
बृंदावन राय सरल सागर एमपी ने
की। संचालन में सहयोग श्री
लखन डेहारिया कटनी ने किया।
कवि मुकेश सोनी ने सरस्वती वंदना की।
यह कवि सम्मेलन विश्व
वृद्ध दिवस की पूर्व संध्या पर आन
लाइन किया गया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर इसरार कुरेशी ख्यात शायर ने अपनी नज़्म वृद्धों को समर्पित करते हुए कहा,, वृद्धों का सम्मान करना हमारा संस्कार है हमारी संस्कृति है यह हमारा नैतिक धर्म भी है।।
अध्यक्षता कर रहे हैं वरिष्ठ कवि वृंदावन राय सरल नेअपनी कविता में कहा,,
रास्ता जब वफा का सूझाकरे।। आदमी तब बुजुर्गों से पूछा करे।।
वृद्ध हमें भगवान हैं, वृद्ध हमारी आन।।
वृद्धों को सम्मान दे,,अपना देश
महान।।
राजीव खरे ने बेटियों के साथ
ह़ोरहे ,अनाचार पर गंभीर कविता
पढ़ी।।
चांदनी जलने लगी आजकल।।
कटनी के शायर लखन जी
अंजान ने कहा,,,
अपनी जुबां से फिर कभी मुडते नहीं है हम।।
इसलिए दिल से किसी से जुड़ते नहीं है हम।।
इनके बाद कुमार सागर ने
बहुत सुंदर गीत पढ़ा।जिसे
सबने सराहा। इनके बाद
उज्जैन के शायर जनाब रफीक नागौरी साहब ने कहा,,,
बात ऐसे जुबान से निकली,
तीर जैसे कमान से निकला।।
इनके बाद श्री मानव बजाज जो दमोह से हैं उन्होंने अपनी कविता में कहा,,,,
, सोचता हूं हवा बनकर बिखर जाऊं मैं,,
फिर ये सोचा तुझे विधवा नहीं होने देना।।
बुंदेली कवि श्री रमेश तिवारी दमोह से उन्होंने कहा,,,
कोरोना पकड़ गओ रफ्तार।।
रही हो अब होशियार।।
इनके बाद श्री अमर सिंह राजपूत दमोह जिले ने बहुत ही उच्च स्तर का व्यंग अपनी कविता के माध्यम से सुनाया जिसे बहुत पसंद किया है।।
मुंबई से कवि श्री संजय जैन ने कहा,,,
निगाहें बहुत कातिल हैं, ना जाने किसको मारेंगी। और इल्जाम दूसरों पर डालेंगी।।
श्री महेश दत्त त्रिपाठी ने ,,,,उनसे कहो अपने मन की बात ,,,,जो किसान आंदोलन से जुड़ी हुई है कविता सुनाई।।
और डॉक्टर इसरार कुरैशी ने अपनी ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा।
वक्त आज है बहुत सुनहरा।।
हर जीवन पर यहां है पहरा।।
आदरणीय प्रभा जी विश्वकर्मा जबलपुरने अपनी कविता पटल पर रखी जो सभी ने बहुत पसंद की।
श्री प्रतिभा द्विवेदी सागर की प्रतिभावान उभरती कवित्री ने हाथरस में हुए बलात्कार कांड पर बहुत सशक्त कविता प्रस्तुत की। तथा बलात्कारियों को फांसी की सजा की मांग कविता द्वारा रखी।
श्री संतोष श्रीवास्तव मकरोनिया रिटायर डीसी ने अपनी कविता के माध्यम से अपने माता पिता को हृदय से याद किया सभी ने उनकी रचना की सराहना की।।
अंत में लेखक संघ सागर के अध्यक्ष बृंदावन राय सरल सागर (एमपी )ने सभी प्रतिभागी कविगण का आभार व्यक्त किया।
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