तिरंगा
अब ना तिरगा झुकने देंगे
तेज धार ना रुकने देंगे
मामूली ना समझो इसको
भारत क़ी ये शान है
जय जवान ओर जय किसान क़ी
गाथा है अभिमान है
सिर्फ़ अकेला नहीं तिरंगा
संग लाखों का बलिदान है
विजयी विश्व तिरंगा मेरा
दुनिया का सरताज है
नमन किया इसको देवों ने
सबने शीश झुकाया है
मान रहे भारत वर्ष का
ख़ुशी से सर्वस्व लुटाया है
माँ की दुआ तिरंगे संग है
है विश्वास जन जन का
हर भाई का मान तिरंगा
सब बेटी क़ी उम्मीद तिरंगा
बहन की राखी , भाई दुज़ तिरंगा
आओ अब हम क़सम ये खायें
हर घर में हो तिरंगा प्यारा
पुँजे इसको दें सम्मान
तिरंगा है हमारी आन
अब ना तिरंगा झुकने देंगे
तेज़ धार ना रुकने देंगे
जय भारत
Rekha jha
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कविता