गुरुभक्ति का...
विधा : गीत भजन
जय जय जय गुरुदेव,
मुझे दर्शन दो।
अपनी शरण में तुम,
मुझ को ले लो।
जय जय जय गुरुदेव,
मुझे दर्शन दो।।
कल रात सपने में,
मैंने तुमको देखा था।
जैसे कह रहे थे तुम,
आ जाओ मेरी शरण।
ये कैसा सपना था,
क्या सच्च हो सकता है।
यदि ये सच हो जाये,
मेरा जीवन सवांर जाये।
जय जय जय गुरुदेव,
मुझे दर्शन दो।
अपनी शरण में तुम,
मुझ को ले लो।।
हर शाम सबेरे,
मैं तुम्हें जपता हूँ।
हर सुबह उठाते ही,
तेरी पूजा करता हूँ ।
श्रध्दा और भक्ति का,
मुझे इतना फल तो दो।
मेरे दीक्षा गुरुवर,
तेरे कर कमलो से हो।
जय जय जय गुरुदेव,
मुझे दर्शन दो।
अपनी शरण में तुम,
मुझ को ले लो ।।
श्री 108 आचार्यश्री विधासगर जी के चरणों में संजय जैन का यह भजन समर्पित हैं।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन, (मुंबई)
22/03/2021
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गीत