मोहब्बते राह मे तुमने किये थे जो वादे वो निभाना होगा मझधार मे छोड़ गये हमे,खुदा के वास्ते तुम्हें आना होगा।।
हम तो हर पल सिर्फ़ तुम्हें ही महसूस कर मुस्कुराते थे
रुठी मुस्कुराहट चेहरे से जो,हमारे उसे तुम्हें लाना होगा।।
तेरा ही नाम लिख हथेली पे अकसर हम चूमा करते थे
इन हथेलियों को अब फिर से सिर्फ तुम्हें सजाना होगा।।
तेरी हर एक बातें याद आ,आज भी गुदगुदाती हैं हमें
अपनी बातों से गुदगुदा हमें फिर,तुम्हें महकाना होगा।।
हमारे गेसूओं के साऐ मे तुम बिखर जाते थे अकसर
आके फिर गेसूओं को हमारी सच तुम्हें सहलाना होगा।।
हम तो दहलीज़ पे बैठ रोज तेरे आने की राह तकते हैं
कब आओगे सनम वीना को संदेश तुम्हें भिजवाना होगा।।
वीना आडवाणी"तन्वी"
नागपुर, महाराष्ट्र
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कविता