नफरत को छोड़िए वफा तो कीजिये
भूल से ही सही एक दफ़ा तो कीजिये
कत्ल कर देना भले ही जान मेरा
पर मेरा इश्क बदनाम ना कीजिये
हमारा हर जख्म नासूर बन चुका है
थोड़ा सा दिल पर रहम तो कीजिये
भले सौंप देना दिल किसी और को
थोड़ी राठौर के लिए भी जगह कीजिये
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महेश राठोर सोनू
गाँव राजपुर गढ़ी
जिला मु0 नगर
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कविता