आज भारत के महान साहित्यकार, कवि लेखक आलोचक एवं अनेक भाषाओं के जानकार राहुल सांकृत्यायन जी की जयंती पर सभी साहित्य प्रेमियों को बथाई
राहुल सांकृत्यायन
36 भाषाओं का था उन्हें ज्ञान
यायावर के रूप मे बनाई पहचान
लेखक ,कवि, निबंधकार ,साहित्यकार महान
राहुल सांकृत्यायन था उनका नाम
गांव पंदहा (जिला आजमगढ़)उनका जन्मस्थान
पिता गोवर्धन पांडे की होनहार संतान
केदारनाथ पांडे उनका मूल नाम
अपने साहित्यिक योगदान से पाया महापंडित उपनाम
माता की मृत्यु के बाद ननिहाल मे लालनपालन हुआ
वहीं से पाया आरंभिक शिक्षा ज्ञान
आजमगढ़ से स्कूली शिक्षा पाई
आठवीं तक की करी पढ़ाई
काशी मे संस्कृत का अध्ययन किया
अयोध्या से सीखा वेदांत का ज्ञान
लाहौर से की फारसी की पढ़ाई
किसानों के हित मे किए काम
आपसी एकता का दिया पैगाम
155 पुस्तकों का प्रकाशन किया
हुंकार पत्रिका का संपादन किया
अपने लेखों से जनता को जागरूक किया
स्वतंत्रता संग्राम मे भाग लिया
अखिल भारतीय साहित्य सम्मेलन के बने प्रधान
हिंदी भाषा के उत्थान मे दिया अनुपम योगदान
अनेक देशोँ का भ्रमण किया
साहित्यिक ज्ञान अर्जित किया
धार्मिक कुरीतियों का विरोध किया
समाज को जागृत किया
नारी सशक्तिकरण का समर्थन किया
जीवन में प्राप्त किए अनेक पुरस्कार
साहित्य अकादमी पुरस्कार
पद्म भूषण प्रतिष्ठित पुरस्कार
हे साहित्यिक के महान व्यक्तित्व तुम्हे प्रणाम
ऊंचा किया हिंदी भाषा का नाम
किया राष्ट्रीय हित मे काम
अशोक शर्मा वशिष्ठ
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काव्यात्मक आलेख