देश का विकास या...

देश का विकास या...


न वो इंसान है न वो शैतान है। 
इनको जो बाटे वो हैवान है।। 

इन हैवानो का भारत में
सबसे ज्यादा बोलावाला हैं। 
जो इंसानो को इंसानो से 
आपस में लड़ा रहा। 
और एकता अखंडता को 
मिटाये जा रहा हैं। 
और इसे ही विकास का
नाम दिया जा रहा हैं।। 

लिखा था जिसने संविधान
एकता में अनेकता के लिए। 
आज वो रो रहा है अपने
लिखे संविधान के लिए। 
क्या मैंने लिखा था और
क्या उसके साथ हो रहा। 
और उनके अधिकारो को
 इसके नाम पर छीन रहा।। 

अब तो देश का और देशवासियों का पतन। 
राजनेताओं के द्वारा 
दिन प्रतिदिन हो रहा हैं। 
और विकास का नाम 
मंचो से दिया जा रहा। 
इस आधुनिक भारत में
न कामधाम करना होगा।। 

बस मुफ्त की रोटियां 
सरकार द्वारा दिया जायेगा। 
और देशकी नशल को
मिटा दिया जायेगा। 
तभी तो इन्हें गुलाम
धीरे से बनाया जायेगा।
फिर क्यों कोई दिमाग
अपना चला पायेगा।। 

हम यही बोये जा रहे हैं
की कोई भी आपस में। 
कभी भी मिल जुलकर
एक साथ रह न सके। 
कही हिंदू तो कही मुस्लिम
कही सिख तो कही ईसाई।
देशके संविधान के अनुसार 
कभी रह ही न सके।। 
बस आपस में लड़ते रहे और
देशका विकास करते रहे।
और आत्मनिर्भर बन जायेंगे।। 

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन, मुंबई
16/04/2021

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