आत्मनिर्भर भारत, हर भारतीय का एक बड़ा सपना है,
आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से, अब बढ़ रहा है भारत।
हर क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा हर दिन,
प्रगति की नई नई सीढ़ियां हर पल, चढ़ रहा है भारत।
आत्मनिर्भर भारत……………..
सारी दुनिया में बज रहा है जोरों से, खूब भारत का डंका,
भारत की आत्मनिर्भरता में, नहीं रही है किसी को शंका।
रूस और अमेरिका भी मान रहे हैं, लोहा हमारे भारत का,
आज जो करना चाहिए भारत को, भारत वही कर रहा है।
आत्मनिर्भर भारत……………
न प्राकृतिक संसाधनों की कमी है, न ही कमजोर है ज्ञान,
भारत के ज्ञान विज्ञान के आगे, झुक रहा है नीला आसमान।
कोरोना महामारी का टीका, सबसे पहले भारत ने बनाया है,
दिनोदिन भारत तकनीकी और विज्ञान में, खूब निखर रहा है।
आत्मनिर्भर भारत……………
भारत के सामने अब, किसी की चलती नही है मनमानी,
आत्मनिर्भर बनता भारत, है शुरू से ही बड़ा स्वाभिमानी।
भारत न सर झुकाकर बात करता, और न किसी को डराकर,
आंखों से आंखें मिलाकर बात करता, नया किस्सा गढ़ रहा है।
आत्मनिर्भर भारत…………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार
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कविता