आगाज़
एक नया आगाज करेंगे
गुलशन में बागान में
सद्भावों के फूल खिलाये
जन-जन में इंसान में
जहां प्रेम की बस्ती में
चर्चा चलती हो प्यार की
खुशियों भरा माहौल शहर का
उम्मीदें नई बहार की
रोशन घट का कोना कोना
गीत सुधा रस बरसाये
नई प्रतिभा दमके जग में
कीर्ति पताका फहराये
कोई किसी की मदद को दौड़े
कोई हाथ बढ़ाएं
कंटक पथ पर साथ देकर
हमराही हो जाए
अपनापन अनमोल रतन
कीमत है इसकी पहचाने
शुभ कर्मों से अपने बंनते
जग में सब अनजाने
औरों की खुशियों में शामिल
होकर देखो प्यारे
खुशहाली से दमक उठेंगे
तेरे भाग्य सितारे
रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
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कविता