विज्ञान वरदान है, हर काम आसान है,
कदमों में धरती, मुट्ठी में आसमान है।
असंभव भी संभव हो गया है दुनिया में,
दिल्ली में भोजन, लंदन में जलपान है।
विज्ञान वरदान है……….
साथियों, सकारात्मक सोच आवश्यक है,
वरना, यह विज्ञान बन जाता शैतान है।
नकारात्मक सोच, अगर दूर है दिल से,
तब विज्ञान, स्वागत योग्य मेहमान है।
विज्ञान वरदान है…………….
अंगों के प्रत्यारोपण ने कमाल दिखाया,
सारी दुनिया कहती, डॉक्टर भगवान है।
खग जैसे उड़ता हुआ हवा में विमान है,
जल में महल, सुंदर और आलीशान है।
विज्ञान वरदान है…………….
कम हुई दूरी, सिमट गई हर मजबूरी,
इंसान पर, वक्त लगता मेहरबान है।
कोरोना का टीका, विज्ञान ने दिया है,
आज सबसे आगे, प्यारा हिंदुस्तान है।
विज्ञान वरदान है…………
कंप्यूटर, मोबाइल की बातें हुई पुरानी,
चांद रह गया पीछे, नया मंगलयान है।
लोगों की जीवन शैली बदल गई कैसे?
गायब हुए आंसू, होठों पर मुस्कान है।
विज्ञान वरदान है…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
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कविता