*(बाल कहानी*)
जंगल में शेर के अत्याचार से परेशान होकर
एक बार सभी जंगली जानवरों ने मिलकर सभा बुलाई ।
सभी ने खुशी-खुशी भालू को सभा का अध्यक्ष चुना और सभा में तय हुआ कि अब जंगल का राजा शेर की जगह किसी और को बनाया जाए।
सभा में सभी जानवर उपस्थित थे पर शेर को नहीं बुलाया गया था । उस सभा में शेर की जासूसी करने वाला एक बंदर भी आया हुआ था ।बंदर ने सभा में जानवरों बात सुनकर इस बात की खबर शेर तक पहुंचाई ।
शेर गुस्से में लाल पीला हो गया।और जोर-जोर से दहाड़ने मारने लगा ।
कहने लगा कि मैं ही जंगल का राजा था और मैं ही राजा रहूंगा। बंदर की बात सुनकर अगले दिन शेर ने भी सभी जंगली जानवरों की सभा बुलाई और निर्णय इसी बात पर छोड़ दिया कि जो भी ज्यादा शक्तिशाली होगा वही जंगल का राजा कहलाएगा और उसे मेरे साथ युद्ध लड़ना पड़ेगा वो ही जंगल का राजा बनेगा जो भी युद्ध में जीतेगा शेर ने सभी जानवरों को दो दिन का समय दिया और कहाँ कि आपके पास दो दिन का समय है अगर कोई मेरे से शक्तिशाली हो तो उसे मेरे सामने युद्ध करने के लिए लाओ जो भी राजा बनने पर इच्छुक हो सभी जानवर शेर की बात सुनकर वापस आ गए। सभी जानवरों में इसी बात की दहशत थी।कि अब कैसे होगा अगले दिन सुबह होते ही भालू ने सभी जानवरों को बुलाकर फिर सभा की भालू ने सभा में शेर द्वारा कही गई बात कहीं कोई भी जानवर शेर के साथ में लड़ने को तैयार नहीं हुआ। सभा खत्म होने ही वाली थी तभी दूर से उड़कर एक मच्छर आया भालू से हाथ जोड़कर कहाँ की अध्यक्ष साहब अगर आपकी इच्छा हो और सभी जानवर चाहते हो तो मैं शेर के साथ युद्ध लड़ने के लिए तैयार हूँ ।
मच्छर की बात सुनकर सभी जानवर हतप्रभ रह गए।आखिरकार मच्छर के बार-बार अनुरोध करने पर यही तय हुआ कि शेर को संदेश भेज दिया जाए की उनके साथ कोई लड़ने को तैयार है ।और लेने का कल फैसला हो जाएगा ।शेर के पास संदेश पहुंचते ही शेर ने भी लड़ने के लिए हामी भर दी और सब समय पर छोड़ दिया आखिरकार वह दिन बीतने के बाद अगला दिन भी आ ही गया शेर मैदान में जाकर बैठ गया। धीरे-धीरे मैदान के आसपास सभी जानवर आने शुरू हो गए ।कुछ ही देर में मैदान के आसपास जानवरों का जमावड़ा हो गया ।तभी सभा के अध्यक्ष भालू ने शेर को कहाँ कि हम अपनी तरफ से आपके कहे अनुसार आपके सामने लड़ने के लिए दूसरा मैदानी ले आए हैं। शेर भी चौकस हो गया शेर ने कहाँ कि जल्दी से जल्दी करो जो भी लड़ने के लिए तैयार है सभी जानवरों का इशारा पाकर मच्छर तुरंत शेर के सामने मंडराने लग गया शेर ने कहाँ कि तुम मुझे हराने के लिए इस मच्छर को लाए हो और जोर जोर से हंसने लगा शेर के हंसने के साथ ही मच्छर उड़कर शेर की नाक पर बैठ गया शेर ने बहुत ही जोर से हमला किया और खुद की ही नाक घायल कर बैठा जैसे ही मच्छर उड़ा शेर ने बहुत तेजी से दौड़ लगाई दौड़ लगाने के बाद शेर का सर जोर से झाड़ियों से टकराया और काटो में फस गया आखिरकार बड़ी मशक्कत के बाद बहुत देर फंसे रहने के बाद शेर ने रहम की भीख मांगते हुए उसे बाहर निकालने के लिए अनुरोध किया और घायल अवस्था में अपनी हार को स्वीकार किया ।शेर के हार स्वीकार करते ही सारे जानवर जश्न में डूब गए और
मच्छर की ताजपोशी हो गई अब सभी जानवरों में बेहद कमजोर मच्छर जंगल का राजा था ,,
इस कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए ,,
*महेश राठोर सोनू*
*गाँव राजपुर गढ़ी*
*जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश*
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