जनवरी का माह देता जन्नत सी अपार खुशियां,
फरवरी वासंती रंग खिलाकर प्रियतम की याद दिलाता।
मार्च रंग गुलाल संग खुशियों की सौगात ले आता,
अप्रैल लोगों को मूर्ख बना सबका जी बहलाता।
मई की तपिश से सबका मन घबरा सा जाता,
जून में गर्मी से मामूली राहत पा दिल चैन की बंशी बजाता।
जुलाई वर्षा की फुवार संग दिलों में प्यार जगाता,
अगस्त मूसलाधार बरस कर अपना गुस्सा दिखलाता।
सितंबर तपन संग पुरखों के लिए श्राद्ध पर्व ले आता,
अक्टूबर गुलाबी ठंड का प्यारा सा अहसास जगाता।
नवंबर दीपोत्सव का जश्न मना खुशियां भर लाता,
दिसंबर ठिठुरन का असर बढ़ा गर्म कपड़ों का भार बढ़ाता।
कर पूरी बारह महीने की यात्रा एक सत्र आगे ले जाता,
पुरानी गलतियों को भुला जीवन में आगे बढ़ने का पाठ पढ़ाता।
नव वर्ष नहीं एक साल आगे बढ़ा हैं यह याद दिलाता,
बारह महीनों कर मानव सेवा,कर्म पथ पर अग्रसर हो जाए।
लोगों के जीवन में खुशियां बढ़ाए, ऐसा इस वर्ष में कुछ कर जाए,
सब मिल जनवरी का ऐसा काम कर जाए।
"बारह महीनों का सफर कर पूर्ण साल नए पायदान पर आया,
साथ ही बारह महीनों के महत्व का पाठ पढ़ाया।"
डॉ. रेखा मंडलोई "गंगा"
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कविता