आ रहा नव वर्ष मंगलमय
ला रहा उत्साह और उमंग
आओ बनाएं इसको सफल
नवीन विचारों से हम मिलकर । ।
दुख दरिद्रता को मिटा रहें
हर पल प्रभु का स्मरण रहे ,
हम भावी पीढ़ी के लिए आज
कुछ ऐसा मिलकर काम करे ।।
अपने विचारों से अवगत कराना है,
हिंदू मुस्लिम नही बनना अब हमको
इन समाज के ठेकेदारों को हराना है !
नव वर्ष में हमको स्वतंत्र भारत बनाना है ।।
जब नई धारणा जागेगी तब ही
हमारी नई पीढ़ी नीद से जागेगी
अपने किए नए प्रयासों से ही बस
बेरोजगारी फिर भारत से भागेगी ।।
यदि नव वर्ष सफल बनाना है तो,
आज ये संकल्प हमें लेना होगा!
अपने किसान ,मजदूर ,सभी वर्ग का
हिंदू मुस्लिम छोड़कर साथ हमें देना होगा ।।
प्रतिभा दुबे ( स्वतंत्र लेखिका)
मध्य प्रदेश ग्वालियर
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कविता