जज़्बात
क्यूं झूठे वादे खाए तुने
क्यूं झूठे सपने दिखाए तुने
जब साथ निभाना ही न था तो
साथ निभाने का सपने क्यों दिखाए तुने
क्यूं छोटी छोटी बातें बनाए तुने
क्यूं मिठी मिठी बातों से बहलाए तुने
जब साथ रहना ही न था तो
साथ रहने के सपने दिखाए क्यों तुने
क्यूं आंखों से आंख मिलाए तुने
क्यूं दिल की बात बताए तुने
जब रुलाना ही था तो
हसकर जीना सिखाया क्यों तुने
क्यूं हाथ में हाथ मिलाए तूने
क्यूं साथ चलना सिखाए तूने
जब साथ रहना ही न था ता
मेरी जज्बात से क्यूं खेले तूने
क्यूं इतने हमदर्द जताए तुने
क्यूं गम में साथ निभाए तुने
जब मेरी खुशी चाहता ही था तो
मेरी आंखों में आशु लाए क्यों तुने
रचनाकार योगिता साहू
ग्राम चोरभट्ठी पोस्ट बगोद
जिला धमतरी छत्तीसगढ़
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कविता