सच्ची मोहब्बत

सच्ची मोहब्बत

ना जानें ऐसा क्या हैं तुझमें 
जो देखें बिना रहा नहीं जाता
ना जाने ऐसी क्या हैं तेरी बातों में
जिसको सुने बिना रहा नहीं जाता
कुछ ही पल में मुझे बदल दिए
ऐसे गुण है तुझमें कहा से आता 
इस कदर मै  बावली हुईं
तेरी  नजरो  से मुलाकात जो हुईं
दिवानगी में इस कदर पागल हुईं
तेरे देखें बगैर दिल को सुकून नहीं हुईं
काम तो एक बहाना है जनाब
अक्सर तुम्हें देखने के लिए हम कॉल करते
ये मेरी दोनों नयन कल तक मेरे पास ही थी
यू तो ओ कल सबसे अनजान थी
पर आज  मुलाकात कुछ ऐसी हुई
मेरे दोनों नयन ही गुम हो गई 
कैसे कहे हम दिल बात उस अजनबी को
जिससे आज हम  देखे ही नहीं  
ए दिल उसके पास भी धड़क जा 
ए ये बारिश उसके पास भी गिर जा
ए ये हवा जरा उधर भी चल
उस अजनबी तक ये दिल का पैगाम लिए जा

🖋योगिता साहू 

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