विषय - हिंदी है भारत की मातृभाषा।
राष्ट्रभाषा बने, ये है अभिलाषा।।
दिनांक - 14.09.2020
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*जय हिंदी जय हिंदुस्तान*
जय हिंदी जय हिंदुस्तान।
तुझसे भारत देश महान।।
तू भारत की है पहचान।
तू भारत की जानो शान।।
करूँ मैं तेरा ही गुणगान।
जय हिंदी जय हिंदुस्तान.....
तू ही सभ्यता की पहचान।
तू विनम्रता की है खान।।
तू संस्कृति की अनुपम भाषा।
तू उन्नति की है परिभाषा।।
तू भारत माता का मान।।
जय हिंदी जय हिंदुस्तान।।
तू सब भाषाओं की माँ है।
उनके शीष का तू आसमां है।।
तू बच्चों की प्यारी भाषा।
भारत की राजदुलारी भाषा।।
तुझसे है सबका कल्याण।।
तुझसे भारत देश महान।।
छंद, रस हैं तेरा श्रृंगार।
सरल रूप तेरा व्यवहार।।
क, ख, ग तेरा परिवार।
स्वर, व्यंजन तेरा संसार।।
वर्णमाला में तेरे प्राण।।
हिंदी है भारत की मातृभाषा।
बने राष्ट्रभाषा ये है अभिलाषा।
जन जन की सफलता की परिभाषा।।
बेजुबां प्राणीजन की है यह आशा।।
तुझसे देश का गौरवगान।।
जय हिंदी जय हिंदुस्तान।।
आशुकवि प्रशान्त कुमार"पी.के."
पाली हरदोई (उत्तर प्रदेश)
8948892433
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कविता