सभी को सुबह का नमस्कार,,,,,,
🧕🏼🧕🏼🧕🏼🧕🏼🧕🏼🧕🏼🧕🏼🧕🏼
नारी जीवन,,,,,
🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼
नारी जीवन होती है संघर्ष से भरी
टूट जाते है सापने सारे,
आधुरी रह जाती हैं अभिलाषा
रहती हैं अनेक जिम्मेदारीया
कभी गिरतीं,कभी समहलती
नारी जीवन होती हैं संघर्ष से भरी
आँख पे रहती हैं आशू
उसके बाद भी रहती है
चेहरों पर मुस्कान
माँ ,बहन ,बहु,भाभी सब फर्ज को
निभाती
सब की डांट फ़टकार सुन कर रह जाती हैं
खुद को बलिदान कर
घर परिवार को सजोति है
नारी जीवन होती है संघर्स से भरी
तन मन से प्रेम लुटा कर
ममता की वर्षा करती हैं
नारी होती हैं मर्यादा का गहना
सास सासुर को सेवा करती
पति के साथ वक्त देती
बच्चों का पालन पोषण करती
रुकते नहीं है हाथ एक भी
नारी जीवन होती हैं
संघर्ष से भरी।।।
🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼🤱🏼
अर्पणा दुबे
अनूपपुर मध्यप्रदेश
Tags:
कविता