मैं तेरी सावित्री बनूँ,तू बन जा सत्यवान मेरा,

मैं तेरी सावित्री बनूँ,तू बन जा सत्यवान मेरा,
मै दासी हूं प्रीतम की,तू बन जा भगवान मेरा...
युग -युगांतर तक बनी रहूँगी मैं सिर्फ तुम्हारी, 
मैं तेरा मान बनूँ , तू बन जा अभिमान मेरा...!

मैं तेरी सावित्री बनूँ , तू बन जा सत्यवान मेरा, 
तेरे खातिर मैं प्राणप्रिये ,

यम रूपी दुनिया की सारी रस्मों से लड़ जाऊँगी ,
तेरे संग-संग ही मैं अपना सारा जीवन बिताऊंगी,
मैं तेरे हस्तरेखा बनूँ,तू बन जा सांसों का अभियान मेरा... 

मैं तेरी सिया बनूँ , तू बन जा राघव-राम मेरा,
तेरे खातिर  मैं प्रियवर,

ज़माने के दिए सारे ग़मों को सहन कर जाऊँगी,
ताने-उलाहने की रूपी अग्नि में खुद को तपाऊंगी, 
मैं तुम्हारी हँसी बनूँ तू बन जा ईमान मेरा... 

मैं तेरी रुक्मणी बनूँ, तू बन जा घनश्याम मेरा...
तेरे खातिर मेरे साजन,

हर मुसीबत की चट्टान से भी मैं टकराऊंगी, 
तेरे प्रेम में मिले गरल को भी खुशी से पी जाऊँगी, 
मैं तेरी मकसद बनूँ , तू बन जा अंजाम मेरा...

मैं तेरी शकुंतला बनूँ और तू बन जा दुष्यंत मेरा,
तेरे खातिर मैं प्रियवर, 

समय चक्र ने ग़र शकुंतला भी बनाया मुझे, 
तो कुदरत का ये तोहफा भी है मंजूर मुझे, 
दुष्यंत बनकर तुम आना करना स्वीकार मुझे, 
मैं तेरी जान बनूँ और तू बन जा अरमान मेरा... 

मैं तेरी प्रेयषी बनूँ , तू  बन जा गृहनाथ मेरा... 
ये वादा है तुमसे , हर सुख दुख में तेरे साथ रहूँगी, 
गर एक रोटी भी मिले तो उसी को खा कर सहूंगी 
मैं तेरी पहचान बनूँ और तू बन जा सरनाम मेरा...
मैं तेरी बहार बनूँ और तू बन जा बसंत मेरा...
         एकता कुमारी ✍🏻

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