दे - दे थोकिन रुपिया कहिके
अपन हाथ ला लमावत हे,
नइ देबे ताहन दस परत ले
एती ओती घुमावत हे ।।
गरीब गुजार आदमी के
दिमाग इहाँ सेठीया जथे,
घुस जेमन लेथय वोकर
चरित्तर तको बसिया जथे ।।
काम धाम मा ठिकाना नइ हे
अउ बड़े अधिकारी कहावत हे,
दूसर मन ला रोवा रोवा के
अपन हा मुचमुचावत हे,
दे - दे थोकिन रुपिया कहिके
अपन हाथ ला लमावत हे,.....
- भास्कर वर्मा
चंदना, छत्तीसगढ़
8815636058
अपन हाथ ला लमावत हे,
नइ देबे ताहन दस परत ले
एती ओती घुमावत हे ।।
गरीब गुजार आदमी के
दिमाग इहाँ सेठीया जथे,
घुस जेमन लेथय वोकर
चरित्तर तको बसिया जथे ।।
काम धाम मा ठिकाना नइ हे
अउ बड़े अधिकारी कहावत हे,
दूसर मन ला रोवा रोवा के
अपन हा मुचमुचावत हे,
दे - दे थोकिन रुपिया कहिके
अपन हाथ ला लमावत हे,.....
- भास्कर वर्मा
चंदना, छत्तीसगढ़
8815636058
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कविता