वृक्ष लगाओ

वृक्ष लगाओ

वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ,
वन उपवन और अपना जीवन सजाओ!
करता है जो कोई, हरे वृक्ष की कटाई,
दुनिया में उससे बड़ा कोई नहीं कसाई।
महा सुंदरी प्रकृति का, संतुलन बचाओ,
वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ!
वन उपवन और अपना…………..

नाचती गाती और झूमती जहां हरियाली,
वहां जन जीवन में गुनगुनाती खुशहाली।
वृक्ष करते कार्बन डाइऑक्साइड निपटान,
बदले में करते हैं हमें, प्राण वायु प्रदान।
हिलमिलकर वृक्षारोपण अभियान चलाओ,
वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ!
वन उपवन और अपना………….

वृक्ष पर जब खिलते हैं, नीले पीले फूल,
फल आने का निमंत्रण कर लेते कबूल।
वृक्ष सदा प्राणियों की, करते हैं परवाह,
पंच तत्व को दिखलाते हैं नई नई राह।
उदासी भगाकर, अपना जीवन महकाओ,
वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ!
वन उपवन और अपना…………

झुलसाती गर्मी में, वृक्षों से मिलती छाया,
लगाया जिसने वृक्ष, है बड़ा पुण्य कमाया।
वृक्ष नहीं तो, कोयल कहां जाकर कूकेगी?
एक दिन बहार भी इस दुनिया से रूठेगी।
यह बात नहीं है मामूली, सबको बताओ,
वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ, वृक्ष लगाओ!
वन उपवन और अपना………..

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form