कुंभ का मेला बड़ाअलबेला
अजब गजब से लोग
दूर-दूर से आता साधुओं का अंबार
लिए अपने साथ ज्ञान भंडार
कोई खड़ा है सर के बल
कोई जटाए लिए बड़ी
किसी की दाढ़ी चार फुट लंबी
अंगारों सी आंखें चढ़ी
महान आस्था का पर्व है
हमको इस पर बड़ा गर्व है
हरिद्वार में गंगा लहरी
नासिक में गोदावरी
शिप्रा उज्जैन में बहती
गंगा जमुना सरस्वती प्रयाग में बहती
इन पावन नदियों में अमृत बूदें गिरी थी
यहां स्नान करने आते श्रद्धालु
इसकी महिमा बहुत बड़ी है
लाखों लाखों लोग हैं आते
पुण्य बटोर के जाते हैं
पहचान है हमारी संस्कृति की
ये कुंभ का पावन मेला
रोज यहां पर होता है
कुछ अद्भुत कुछ अलबेला
स्वरचित
उषा जैन कोलकाता
10/4/2021
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कविता