मुसीबतें बच्चो पर आती हैं माँ की धड़कनें थम जाती है,
ईश्वर ने अपने रूप में माँ को बनाया माँ में संसार समाया,
माँ नहीं है बस मिट्टी की काया माँ में हर बच्चे का जान समाया,
बच्चो की खुशी में माँ का दिल हर्षाया दुख में माँ को निंद न आया,
बच्चो ने ले ही माँ को ठुकराया पर माँ का दिल बच्चो में समाया,
हर दुख से माँ लड़ जाती हैं देख बच्चो का दुख डर जाती हैं,
पहली सीख माँ सिखाई हमेशा बड़ो की करो तुम सेवकाई,
माँ बेटे का ऐसा रिश्ता है देख जिसे ईश्वर भी रीझता है,
माँ का धड़कन तेज हो जाता हैं जब बच्चा आँसु बहाता है,
माँ भले भुखी रह जाए बच्चे को भर पेट खिलाती हैं,
माँ भले जिले में सो जाए बच्चे को सुखे ने सुलाती है,
माँ बेटे का रिश्ता ऐसा जैसा ईश्वर संग भक्त का होता है,
जैसे भक्त चंचल ईश्वर सांत होता है वैसे ही माँ सांत बेटा असांत होता है,
तेरी खुशी के लिए माँ हर हद से गुजर जाती हैं,
क्योकि हर बच्चे को माँ दिल में बसाती हैं ।
उदय झा मुम्बई
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कविता