संसार दे दो माँ

संसार दे दो माँ

बेटी हूँ आपकी मैं,
उपहार दे दो माँ ।
मुझे गर्भ में ना मारो,
संसार दे दो माँ ।।
सम्मान बनूँगी माँ,
तेरा अभिमान भी ।
सौभाग्य बनूँगी माँ,
तेरा अरमान भी ।।
कुदरत का पुष्प हूँ,
अधिकार दे दो माँ ।
मुझे गर्भ में ना मारो,
संसार दे दो माँ ।।
मेहनत लगन के बल पर,
राह आसां करूँ ।
दामन को थाम तेरा,
रोशन जहां करूँ ।।
आँगन में खिल-खिलाऊँ,
कुछ प्यार दे दो माँ ।
मुझे गर्भ में ना मारो,
संसार दे दो माँ ।।
जननी हो समझ हो,
ना करूँ अवमानना ।
हर बात तेरी मानूँ,
मेरी सुन लो प्रार्थना।।
सौगात बन के गाऊँ,
"अनुज"दीदार दे दो माँ।
मुझे गर्भ में ना मारो,
संसार दे दो माँ ।।
डॉ अनुज कुमार चौहान"अनुज"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश )

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