कई आशिक कई दीवाने निकले

कई आशिक कई दीवाने निकले
इश्क में डूबे कई मस्ताने निकले
प्रेम मोती लुटाने आ गए शहर में
गीत बन प्यार के तराने निकले

इश्क की वादियों में प्यार 
जिंदा है अभी तक 
यार की शादियों में हार 
बिकता है अभी तक 
वरमाला का चयन 
बदल देता मोड़ जिंदगी का 
जमी पर उतरता है चांद 
करने इजहार मोहब्बत का

रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान

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