(विश्व स्वास्थ्य दिवस विशेष)
स्वास्थ्य ही धन है, स्वस्थ व्यक्ति बड़ा धनवान,
हर किसी को करना चाहिए, इस सोच का सम्मान।
स्वास्थ्य खराब होने पर, जीवन नरक सा लगता है,
इंसान रहता है बीमारियों से, चौबीस घंटे परेशान।
स्वास्थ्य ही धन है…………..
स्वास्थ्य से समझौता, अपने जीवन से समझौता,
तन मन से मिट जाते हैं, खुशियों के सारे ही निशान।
अस्वस्थ इंसान को, जीवन बड़ा अभिशाप लगता है,
बसंत बहार का गुलाबी मौसम भी, लगता बेईमान।
स्वास्थ्य ही धन है………….
कोरोना महामारी ने चिंता और बढ़ा दी है इंसान की,
आज सारी दुनिया दे रही है, स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान।
इसमें सबसे आगे दिख रहा है, अपना ही हिंदुस्तान,
गांव गांव, शहर शहर चल रहा टीकाकरण अभियान।
स्वास्थ्य ही धन है………..
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, शुभकामनाएं हैं मेरी ओर से,
सभी स्वस्थ रहें, मस्त रहें, ऊपरवाला रहे मेहरबान।
कोरोना को कोई हल्के में न लें, फिर से फैल रहा है,
सुबह शाम, दिन रात, चौबीस घंटे रहें आप सावधान।
स्वास्थ्य ही धन है…………….
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार
Tags:
कविता