हे माता ब्रह्मचारिणी, हे माता कर कमल धारिणी,
दायां हाथ जप की माला, बायां हाथ शोभे कमंडल।
लाल परिधान पसंद आपको, शांत आपका मुख मंडल,
अपर्णा, उमा नाम आपके, तप मध्य बसा करती जंगल।
हे माता ब्रह्मचारिणी………..
एक पुष्प मन को गुड़हल भावे, दूजा लाल रंग का कमल,
शिव के लिए तप किया, भोजन में कंद मूल और फल
पूजन में स्वीकार आपको, लाल पुष्प संग श्वेत चावल,
तप बल से हुई, महादेवजी की प्राप्ति में आप सफल।
हे माता ब्रह्मचारिणी…………..
तपस्या देवी नाम आपका, मन में नहीं है कोई हलचल,
भोलेनाथ की संगिनी आप, जिसके जटा में बसे गंगाजल।
आपके पदार्पण से, जग में सब कुछ हो जाता निर्मल,
हे नारायणी जगत जननी, मन आपका है बड़ा शीतल।
हे माता ब्रह्मचारिणी………. …
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
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गीत