कहर कोरोना

कहर कोरोना

गाड़ी पटरी से उतर गई 
सड़कों पर सन्नाटा छाया 
कैसी ये महामारी भीषण 
कैसा ये कोरोना आया

नई सुबह की चाहत में 
दिन काटे हैं बेबस रहकर 
खतरों के बादल मंडराये 
भयभीत रहे दुख सहकर 

संकट की घड़ी ऐसी आई 
मारा मारा मजदूर फिरा
अर्थव्यवस्था चौपट हुई
बढ़ रही सुरसा सी जरा

काम धंधे सारे बंद करके 
लक्ष्मण रेखा खींचवा दी गई
लॉकडाउन कई चरणों में
दो मीटर दूरी बनवा दी गई

दुनिया की सारी धड़कन को
 पल-पल में धड़काया है 
चेहरे पर मास्क लगवाकर 
खूब हाहाकार मच आया है

कहर कोरोना बरस पड़ा
सांसो की डोर लगी थमने 
मौत का तांडव सा छाया 
नस नस बीमारी लगी रमने 

कुछ प्रशासन सचेत हुआ 
कुछ भामाशाह आगे आए 
जुट गए जान बचाने को
कोरोना यौद्धा कहलाए 

मुश्किल से लोहा लेने को 
जो अटल रहे मैदानों में 
रख हौसला बुलंद जज्बा 
जो कूद पड़े तूफानों में 

वंदन उन सभी रणवीर को 
जनसेवा के गलियारों में 
खुशियों से झोली भरी रहे 
जीवन भर जाये बहारों से

रमाकांत सोनी नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form