Homeमुक्तक अनुज कुमार चौहान byआवाज़-ए-हिन्द -May 03, 2021 मोर मुकट छवि,कण-कण गाये ।बजत मुरलिया , मन मुस्काये ।।स्वप्न जिन्दगी ,जीवन माधव ,लिखत पढ़त जग,प्रीत सुहाये ।।डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"अलीगढ़ , उत्तर प्रदेश। Tags: मुक्तक Facebook Twitter