पुरुष का दर्द

पुरुष का दर्द

सुबह उठते ही कपडो का ठेला लगाना
उसके बाद खुद ही रोटी बनाना  खाना

फिर ठेला लेकर  गली  गली  में  जाना
बिक गया ठीक वरना  उदासी में आना

रोज रोज एक जैसे काम से थक जाना
फिर  भी  लगातार  काम  करते  रहना

घर   होते   हुऐ  भी  परदेस  में  रहना
छोड़कर   चारपाई  जमीन  पर  सोना

खुद  ही  कपड़े धोना खुद ही सुखाना
अपने   सब   दुख   दर्द   को  छुपाना

बीवी बच्चों कर कर याद आँसु छूपाना
और लोग कहते आसान है पुरुष होना,,

महेश राठौर सोनू
गाँव राजपुर गढ़ी
 जिला 0मु नगर

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